यीशु मसीह के जन्म से पूर्व अस्तित्व:

यीशु मसीह के पूर्व अस्तित्व का अर्थ;

यीशु मसीह के पूर्व अस्तित्व का अर्थ है, की यीशु मसीह के अपने जन्म से पहले वह अस्तित्व में था, इसका अर्थ है की वह सृष्टी से पहले और समय से पहले अस्तित्व में था| परंतु स्पष्ट शब्दों में कहें तो, पूर्व अस्तित्व और अनंतता एक दुसरे का समानार्थी नहीं है| व्यावहारिक रूप में कहें तो दोनों सामान विचारधाराएँ हैं, क्योंकि पूर्व अस्तित्व का इंकार करने में हमेसा अनंतता का इंकार भी सम्मिलित है और वैसे ही अनंतता के इंकार में पूर्व अस्तित्व का इंकार है|

पूर्व अस्तित्व का महत्व;

  1. जन्म के समय :- यदि यीशु मसीह अपने जन्म के समय अस्तित्व में आया, तब कोई अनंत त्रिएक अस्तित्व में नहीं है|
  2. परमेश्वर नहीं :- यदि यीशु मसीह पूर्व अस्तित्वमान नहीं था तब वह परमेश्वर नहीं हो सकता था, क्योंकि, अन्य दुसरे गुणों के साथ ही, परमेश्वर अनंत है|
  3. झूठा :- यदि यीशु मसीह पूर्व अस्तित्वमान नहीं था तब उसने झूट बोला, क्योंकि ऐसा होने का उसने दावा किया था| तब, प्रश्न उठता है की, और किन-किन बातों में उसने झूठ बोला था?

यीशु मसीह के पूर्व अस्तित्व का प्रमाण;

  1. यीशु मसीह का स्वर्गीय होने का दावा करना:- यीशु मसीह का पूर्व अस्तित्व में होने का प्रमाण की यीशु मसीह ने स्वर्गीय होने कड़व किया| ( यूहनना 3:13 – कोई स्वर्ग में नहीं चढ़ा, केवल वही जो स्वर्ग से उतरा, अर्थात मनुष्य का पुत्र जो स्वर्ग में है, यूहन्ना 3:31 – “जो उपर से आता है वह सर्वोतम है; जो पृथ्वी से आता है वह पृथ्वी का है, और पृथ्वी की ही बातें कहता है; जो स्वर्ग से आता है, वह सब के उपर है|)
  2. सृस्तिकर्ता के रूप में यीशु मसीह का कार्य:- यीशु मसीह को सृष्टी के कार्य में भी देखा गया है, और यदि यीशु मसीह सृष्टी के कार्य के में सम्मिलित था, तब, निसंदेह यीशु मसीह सृष्टी से पहले अस्तित्व में था; ( यूहन्ना 1:3 – सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ, और जो कीच उत्पन्न हुआ है उसमें से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न नहीं हुई| कुलुस्सियों 1:16 – क्योंकि उसी में सारी वस्तुओं की सृष्टी हुई, स्वर्ग की हों अथवा पृथ्वी की हों, देखि या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार,सारी वस्तुएं, उसी के द्वारा और उसी के लिए सृजी गयी है| इब्रानियों 1:2 – इन अंतिम दिनों में हम से पुत्र के द्वारा बातें कीं, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्टी की रचना की है|
  3. यीशु मसीह का परमेश्वर के साथ सम्बन्ध :- यीशु मसीह ने परमेश्वर के साथ स्वभाव में सामान होने का दावा किया यूहन्ना 10:30 – मैं और पिता एक हैं|” यूहन्ना 17:5 – अब हे पिता, तू अपने साथ मेरी महिमा उस महिमा से कर जो जगत के सृष्टी से पहले मेरी तेरे साथ थी|पौलुस का दावा यीशु परमेश्वर का स्वाभाव में था; फिलिप्पियों 2:6 – जिसने परमेश्वर के स्वरूप में होकर भी परमेश्वर के तुल्य होने को अपने वश में रखने की वस्तु न समझा|
  4. यूहन्ना बप्तिस्मादाता का अवाही देना :- यूहन्ना 1:15 – यूहन्ना ने उसके विषय में गवाही दी, और पुकारकर कहा, “यह वही है, जिसका मैंने वर्णन किया जो मेरे बाद आ रहा हैं, वह मुझ से बढकर है क्योंकि अह मुझ से पहले था|” यूहन्ना 1:30 – यह वही है जिसके विषय मिनी कहा था, ‘एक पुरुष मेरे पीछे आता है जो मुझ से श्रेष्ट है, क्योंकि वह मुझसे पहले था|’

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